जब बात दीर्घकालिक निवेश (Long-Term Investment) की आती है, तो दो नाम अक्सर सामने आते हैं — SIP (Systematic Investment Plan) और ETF (Exchange Traded Fund)। दोनों ही विकल्प निवेशकों को बाजार में हिस्सेदारी लेने का अवसर देते हैं, लेकिन उनके काम करने के तरीके, जोखिम स्तर और लाभ में बड़ा अंतर होता है। इस ब्लॉग में हम SIP और ETF की तुलना करेंगे ताकि आप तय कर सकें कि आपके दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों के लिए कौन बेहतर है। SIP क्या है? SIP यानी Systematic Investment Plan , म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है। इसमें आप हर महीने एक निर्धारित राशि निवेश करते हैं। इससे आपको rupee cost averaging और compounding का लाभ मिलता है। SIP के लाभ: नियमित निवेश की आदत विकसित होती है बाजार के उतार-चढ़ाव से कम असर कम राशि से शुरुआत (₹500 से भी) लॉन्ग-टर्म में compounding से बड़ा रिटर्न ETF क्या है? ETF यानी Exchange Traded Fund एक ऐसा निवेश साधन है जो स्टॉक मार्केट में ट्रेड होता है। यह एक इंडेक्स जैसे Nifty या Sensex को ट्रैक करता है और आप इसे शेयर की तरह खरीद-बेच सकते हैं। ...
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